नई पुस्तकें >> अंक ज्योतिष अंक ज्योतिषयोगीराज यशपाल जी
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"श्री यशपाल जी के मार्गदर्शन में अंक ज्योतिष और तंत्र विद्या की प्राचीन ज्ञान की गहराई में जाएँ।"
मन्त्र-तन्त्र के उद्भट विद्वान और भविष्यद्रष्टा श्री यशपाल जी ने ज्योतिष, योग एवं तन्त्र विद्या में देश-विदेश में अपूर्व ख्याति प्राप्त की है। इनका समुचा जीवन प्राचीन, शास्त्रीय और भारतीय मर्यादायों से जुड़ा हुआ रहा। इन्होने प्राच्य गुप्त विद्यायों की विविध शाखाओं के पुनर्जागरण में विशेष योगदान किया। एतदर्थ अखिल भारतीय ज्योतिर्विज्ञान अध्ययन केन्द्र की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है। इन्होने अध्ययन व अनुसंधान से जो अनुभव पाया उसे पुस्तकों के रूप में समाज को अर्पित करके सराहनीय कार्य किया है। परमात्मा की असीम कृपा से यशपाल जी की कृतियों एवं उनके अनुभवों से लाखों लोग लाभ उठा चुके हैं।
अनुक्रम
- अंक ज्योतिष क्या है ?
- मूलांक
- ऋणाँक तथा धनांक
- भाग्यशाली वर्ष
- रोग विचार
- संयुक्ताँक
- जन्म दिनाँक
- नाम का प्रभाव
- सूचना
- विदा होने से पहले
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